कैसे आएगी Immunity.?


कैसे आएगी Immunity.?

बड़े शहर में रहने वाले 2 से 3 दिन पुरानी ब्रेड पर 3 से 6 महीने पुराना जैम लगाकर  और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर आप immunity की इच्छा रखते हैं तो सोचिए यह कैसे संभव है?

कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल नहीं है, को पीकर अगर आप immunity की इच्छा रखते हैं तो सोचिए यह कैसे संभव है?

  फ्लैट में न ताज़ी हवा नसीब होती है और ना ही धूप।  बिना सूरज की रोशनी के और बिना ताजी हवा के रहने से अगर आप सोचते हैं  कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो यह नादानी है।

बाज़ार में 85% पानी मिला पैकेटबन्द फ्रूट जूस जिसमें तरह- तरह के केमिकल और प्रिजर्वेटिव मिले होते हैं, इन्हें पीकर अगर आप immunity की इच्छा रखते हैं तो आप ही सोचिए यह कैसे संभव है?

ऐसी अनेक चीजें हैं जो आपके आस-पास हैं। उनको देखिए। समझिए और अपने बच्चों को चीज़/ बटर /पिजा/ पास्ता / बेकरी / मेयोनीज/ पैकेट में बंद नाइट्रोजन युक्त प्रिजर्वेटिव मिला पाॅम ऑयल और कई तरह के कोड वर्ड में लिखे इंग्रेडिएंट को पढ़े बगैर खिलाकर या खाकर खुद को शाकाहारी समझते हो तो यह आपकी गलती है।

योग-प्राणायाम को तिलांजलि देकर और बिना खुली हवा के दिनभर एसी और सिर्फ एसी में रहने वाले आपके फेफड़े किसी वायरस का झटका शायद ही झेल पाएं। बिना डाॅक्टर के प्रिस्क्रेप्शन के जिंदगी सही ढंग से आप जी नहीं पाओगे।

ज्वार, बाजरा, रागी और भी कई सारे धान छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ केमिकल युक्त गेहूं के पैक्ड आटे के भरोसे अगर immunity की इच्छा रखते हैं तो आप ही सोचिए यह कैसे संभव है?

 दादी-नानी के नुस्खे छोड़ कर आप बच्चों को डिब्बा बंद प्रोटीन देकर सोचते हो कि वे स्ट्रॉन्ग बन रहे हैं तो यह सरासर बेवकूफी है?

नहाने से लेकर सजने-संवरने तक खुद को और बच्चों को आप कितने केमिकल शरीर पर लगा लेते हो और फिर सोचते हो कि पौने तीन करोड़ रोम छिद्रों को आपने नया जीवन दिया है तो आप भ्रम की दुनिया में हो।

ताजे फल, उनका रस,भारतीय भोजन, तुलसी, कड़ी पत्ता, ताजा नींबू और तरह-तरह के घर में बने मुरब्बे और नाश्ते की जगह पैकेट वाला नाश्ता और पैक्ड भोजन खाकर अगर आप immunity बढ़ने का ख्वाब देख रहे हो तो यह पतन का मार्ग है।

सनातन भारत की और लौटें। जो पेड़ अपनी जड़ से कट जाते हैं, वे अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते।

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